सीखें स्किल, नहीं तो होगी मुश्किल

सीखें स्किल, नहीं तो होगी मुश्किल


क्या आपको कभी इस बात का अफसोस हुआ कि पढ़ाई के दौरान ही मैंने यह क्यों नहीं सोचा या यह विषय क्यों नहीं लिया? काश! ऐसा उसी वक्त कर लिया होता तो अपना करियर आज मनमुताबिक डिजाइन कर पाता? अगर ऐसा है तो अब भी देर नहीं हुई। बस जरूरत है अपनी स्किल्स अपग्रेड करते रहने की, मंजिल अब भी आपका इंतजार कर रही है। कैसे, बता रहे हैं मज्कूर आलम

आपने 'वेल्कम टू सज्जनपुर' फिल्म देखी है? इस फिल्म के नायक को जब अपने मनमुताबिक काम नहीं मिलता तो वह गांव के लोगों की चिट्ठियां लिखने लगता है, लेकिन खुद को यहीं तक सीमित नहीं रखता। वह गांव में हो रहे सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक  हर तरह के बदलाव पर नजर रखता है और बदलते वक्त तथा हालात के हिसाब से खुद को अपडेट कर अपनी काबिलियत निखारता जाता है। इसका नतीजा ये होता है कि कातिब से वह लेखक बन जाता है। यह अपग्रेडेशन कुछ-कुछ वैसा ही है, जैसे बेहतर नतीजे के लिए कम्प्यूटर, मोबाइल, गैजेट्स आदि से  हम लगातार अपग्रेड होते रहें।  

मल्टी स्किल कर्मी की मांग
ऐसी स्किल्स भी सीखनी चाहिए, जो किसी और डिपार्टमेंट में नजर आती हों। इससे आपको यह भी पता चलेगा कि कंपनी के दूसरे विभागों में कैसे काम होता है और क्या आप खुद को वहां की किसी और भूमिका के लिए प्रोजेक्ट कर सकते हैं। यह भी संभव है कि वह स्किल आपके काम को आसान कर दे। मसलन, अगर कोई बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर कोई फॉरेन लैंग्वेज सीख ले तो निश्चित रूप से यह उसके काम में निखार लाएगा।

हमेशा सीखते रहें
यदि आप खुद में लगातार कोई नई स्किल नहीं जोड़ते तो मुसीबत में पड़ सकते हैं, क्योंकि इस तकनीकी दौर में जो स्किल्स आज काफी उपयोगी होती हैं, कुछ ही समय बाद वे पुरानी हो जाती हैं। जो कर्मी बदलते हालात के हिसाब से खुद को नहीं बदलते, उनकी नौकरी हमेशा खतरे में रहती है।

खुद को पहचानें
किसी व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी यह होता है कि वह एक नौकरी हासिल करे। पढ़ाई के दौरान लिए गए विषय जॉब दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं, पर यह कोई जरूरी नहीं कि वह जॉब उसकी पसंद की भी हो। करियर के किसी मोड़ पर जब ऐसा लगने लगे तो आपको  जॉब चेंज कर पसंद के क्षेत्र में चले जाना चाहिए। उदाहरण के लिए यदि आप ब्रांड प्रमोशन के क्षेत्र में हैं और वहां आपका वेतन भी आकर्षक है, पर आपको लगता है कि आपकी खबरों की समझ और भाषा अच्छी है तो थोड़े-बहुत कम वेतन पर भी आपको मीडिया/पीआर का रुख करना चाहिए। 

अवैतनिक कार्य भी सहायक होते हैं
अरबिंद कुमार मिश्रा कहते हैं कि बहुत से लोग कौशल विकास के लिए औपचारिक शिक्षा को ही साधन मानते हैं, पर इसका एक अच्छा तरीका अवैतनिक कार्य भी है।  एक आईटी प्रोफेशनल का रुझान प्रबंधन की ओर देख कर मैंने उन्हें चैरिटी कमेटी से जुड़ने सलाह दी, ताकि उनके स्ट्रैटजिक और ऑपरेशनल मैनेजमेंट का दायरा विस्तृत हो सके। बाद में उनका यही अनुभव उन्हें टेक्निकल से मैनेजमेंट करियर में ले जाने में सहायक सिद्ध हुआ।

ठहराव न आने दें
आमतौर पर नौकरी मिलने के बाद करियर में ठहराव देखा जाता है। इसकी वजह यह होती है कि आप खुद को नई चुनौतियों के लिए तैयार नहीं करते। ऐसे में एक स्तर पर आकर आपकी प्रगति बाधित होने लगती है, इसलिए यह जरूरी है कि उम्मीदवार खुद की स्किल्स को अपग्रेड करता रहे। उदाहरण के लिए, यदि कोई बिग डेटा और एनालिटिक्स में करियर आगे बढ़ाना चाहता है तो उसके लिए स्टैटिस्टिक्स में क्रैश कोर्स कर लेना फायदेमंद होगा।

बेंचमार्किंग करें
जब आप अपने काम में लगे रहते हैं तो रोजगार के बाजार की बदलती जरूरतें नजरअंदाज हो जाती हैं। आपको समय-समय पर अपने कार्य अनुभव से मिलते-जुलते रोजगार की विज्ञप्तियों को देखना और जांच करते रहना चाहिए कि क्या आपके पास वो दक्षता और अर्हता है, जो उन सब विज्ञापनों में बताई गई  है। इन विज्ञापनों में कोई ऐसी दक्षता या क्वालिफिकेशन तो नहीं, जो प्रत्येक नियोक्ता द्वारा वांछित है और आपके पास नहीं है।

क्या करें अपग्रेड
सॉफ्ट स्किल्स: 
कार्यस्थल पर लोगों के साथ व्यवहार, मुश्किल परिस्थितियों से निबटने की कला, नेतृत्व क्षमता, सकारात्मक सोच, लक्ष्य के प्रति समर्पण, कम्युनिकेशन स्किल, पर्सनेलिटी, लुक, भाषा पर अच्छी पकड़, आत्मविश्वास आदि का होना सॉफ्ट स्किल्स के तहत आता है।
विषय से संबंधित स्किल्स: इसमें आप नौकरी के साथ पार्ट टाइम कोर्स कर या फिर डिस्टेंस एजुकेशन में एडमिशन लेकर महारत हासिल कर सकते हैं।

कुछ सामान्य टिप्स
पढ़ने की आदत डालें 

अपनी टेक्निकल और सामान्य स्किल्स को लगातार डेवलप करने का सबसे बढि़या तरीका है क्षेत्र से संबंधित चीजें पढ़ना। चाहे आप किताब पढ़ें या ऑनलाइन सर्फ कर जानकारी बढ़ाएं। अच्छी किताबें या आर्टिकल आपकी जानकारी बढ़ाते हैं।

सम्पर्क बढ़ाएं
भागदौड़ की व्यस्त दुनिया में अगर आप लोगों से नहीं मिल पाते तो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपने क्षेत्र के लोगों के संपर्क में रहें। अपनी फील्ड से संबंधित व्यक्तियों से संवाद स्थापित करें। समस्याओं पर चर्चा करें। नए बदलावों पर बात करें और अपनी-अपनी जानकारियों का आदान-प्रदान करें। हां, अगर समय मिले तो व्यक्तिगत रूप से भी लोगों से मिलें, क्योंकि आज भी आमने-सामने की बातचीत का प्रभाव सबसे अच्छा पड़ता है।

सेमिनार में जाएं

नई टेक्नोलॉजी को प्रमोट करने के लिए कंपनियां सेमिनारों के जरिये लोगों को टेक्नोलॉजी के बारे में बताती हैं। वहां आपको नई इन्फॉर्मेशन तो मिलेगी ही, साथ ही स्किल्स भी डेवेलप होंगी। बोनस में क्षेत्र के कई व्यक्तियों से संपर्क भी होगा, जो करियर में बहुत काम आ सकते हैं।

खुद को प्रमोट करें
प्रतियोगिता के इस दौर में आपको अपनी मार्केटिंग भी करनी होगी। इसके लिए अपना ऑनलाइन प्रोफाइल बनाएं। उसमें अपने हुनर का विस्तृत ब्योरा दें। आप देखेंगे कि आपकी फील्ड से जुड़े बहुत सारे लोग खुद-ब-खुद आपसे जुड़ गए हैं। आप चाहें तो अपना ब्लॉग या वेबसाइट भी बना सकते हैं।

लक्ष्य के साथ भूमिका भी बदलें
इंडस्ट्री में सफल होने के लिए आपको अपने और कंपनी दोनों द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा करना होगा। इसके साथ-साथ जैसे ही आपकी जिम्मेदारी बढ़ती या बदलती है, आपको भी खुद को बदलना होगा, अपग्रेड करना होगा। साथ में आपको अपने आसपास होने वाले बदलावों, कंपनी की पॉलिसी में होने वाले बदलावों पर भी नजर रखनी होगी।

सर्वे भी करता है समर्थन
ग्लोबल रिक्रूटमेंट फर्म केली सविर्सेज के 2013 में किये गए एक सर्वे के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कर्मी तेजी से अपनी स्किल्स में इजाफा करने की इच्छा जता रहे हैं।

- 57% प्रतिभागियों ने अपने वर्तमान नियोक्ता के पास ही पदोन्नति के लिए स्किल्स में इजाफा करने की इच्छा जताई। वहीं 43% दूसरी कंपनी में जाने के लिए ऐसा करेंगे।
- 70% के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण और उपयोगी स्किल नौकरी करते हुए हासिल की जा सकती है।
- 58% ने शिक्षा और प्रशिक्षण को जरूरी बताया।
- 42% लोग नए कार्य क्षेत्र में जाने के लिए स्किल्स में इजाफा करना पसंद करेंगे। इनमें से गणित, इंजीनियरिंग और आईटी कर्मियों ने नई स्किल सीखने को अधिक महत्व दिया।
- 26% के अनुसार सेमिनार और संस्थान द्वारा चलाए जाने वाले ट्रेनिंग कैम्प से भी नई स्किल सीखने में मदद मिलती है।
- 69% भारतीय कर्मचारी आगे बढ़ने के लिए उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए गंभीरता से सोच रहे हैं। यह संख्या यूरोप और अमेरिका की तुलना में अधिक है।
- 31 देशों के लगभग एक लाख 20 हजार कर्मियों ने इस सर्वे में भाग लिया। 


एक्सपर्ट व्यू:
अपना विकास बाधित न होने दें

औपचारिक शिक्षा पूरी होने के बाद हमें लगता है कि परीक्षाएं अब इतिहास की बात हो गईं, लेकिन प्रोफेशनल लाइफ में आते ही हम महसूस करने लगते हैं कि कार्यस्थल भी उतना ही प्रतियोगिता और चुनौतियों से भरा हुआ है। हम मानें या न मानें, कार्यस्थल पर क्वालिफिकेशन के साथ-साथ हमारी उपयोगिता भी देखी जाती है और ये उपयोगिता हमारी सहूलियत से ज्यादा हम जिस संस्थान के लिए काम करते हैं, उसकी सहूलियत पर निर्भर करती है।
हमें अपनी नौकरी को बनाये रखने के लिए अपने आप में लगातार बदलाव लाते रहना पड़ता है, स्वयं को अपने कार्य के अनुरूप तकनीकी तौर पर अप-टू-डेट बनाये रखना पड़ता है।
कुछ संगठन अपने लाभ के लिए एम्प्लॉइज को नया तकनीकी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी रखते हैं, पर यह आवश्यक नहीं कि वह प्रशिक्षण आप के लिए भी लाभदायक हो। अत: इस प्रतियोगी माहौल में अपने आप को प्रासंगिक बनाये रखने के लिए आपको स्वयं ही आगे आना होगा।
Nishant Kumar
Software Engineering Student
Git Jaipur

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